Thursday, January 18, 2007

तो यह है आज की सबसे जोरदार खबर!

टेलीविजन चैनलों को ऐसा करते खूब देखा है लेकिन धीरे-धीरे अब अखबारों को भी 'असली खबर' की समझ आ गई है। राष्ट्रीय सहारा में छपी इस तसवीर को देखिए। उन्हें इसे छापने में कोई झिझक नहीं हुई (हालांकि मुझे हो रही है और इसीलिए फोटो का एक हिस्सा एडिट कर दिया है)। धन्य हैं ये महिला जिन्होंने बछड़े को मातृत्व सुख देने की ठानी और उसे मीडिया से प्रचारित करवाने का लोभ भी नहीं छोड़ सकीं। और धन्य हैं वे पत्रकार व फोटोग्राफर जिन्होंने इतनी महत्वपूर्ण खबर को अपने अखबार में अच्छा खासा स्पेस देकर उसके साथ 'न्याय' किया। मीडिया को ऐसी दमदार खबरें ढूंढते रहना चाहिए। कहीं कोई जरूरी खबर छूट न जाए।

7 Comments:

At 6:40 PM, Blogger Pratik Pandey said...

मीडिया वाक़ई सामाजिक सरोकार से जुड़ी कोई ख़बर जाने नहीं देती :)

 
At 11:11 PM, Anonymous Anonymous said...

kyo TV valo ke peeche pade ho bhai.

 
At 5:37 PM, Anonymous Anonymous said...

वैसे यहां सिर्फ टीवी ही नहीं, प्रिंट और ऑनलाइन पत्रकारिता की भी खूब मिसालें दी गई हैं (यहां तक कि विज्ञापन वालों का भी नंबर आया है) और सभी टिप्पणियां मजेदार हैं।

 
At 1:40 AM, Anonymous Anonymous said...

घिनौनी है ये पत्रकारिता.. मुझे हैरत है कि आजतक स्टार न्यूज और सहारा के ही टीवी चैनल.. और हां इंडिया टीवी भी.. ने इस खबर को फॉलो क्यों नहीं किया।

 
At 12:23 PM, Blogger nitin said...

मिडिया वालों का बस चले तो आदमी के मरने के बाद कब्र में भी जाकर पुछ ले "भाई साहब, आपको यहां कैसा लग रहा है".

 
At 5:54 PM, Blogger Atul Chauhan said...

"पत्रकारिता एक व्यवसाय है",हमें यह कह्करा सीखना होगा।

 
At 9:26 PM, Blogger अप्रवासी अरुण said...

देखिए कितनी सार्थक पत्रकारिता हो रही है आजकल। लेकिन यह महिला भी हद है। - हम हैं हमारा

 

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