इंटरनेट को ब्रॉडबैंड से चुनौती? भई वाह
दैनिक भास्कर में एक्सक्लूजिव खबर छपी है कि इंटरनेट के दिन लद गए हैं और ब्रॉडबैंड उसे पछाड़ने की तैयारी में है। लेखक महोदय को लगता है कि ब्रॉडबैंड इंटरनेट जैसी ही, बल्कि उससे बेहतर कोई चीज है जिसके आने के बाद अब इंटरनेट की कोई जरूरत नहीं है। भैया, अगर इंटरनेट ही नहीं होगा तो ब्रॉडबैंड का क्या अचार डालोगे? यह तो वही बात हुई कि हमने घर पर लैटर बॉक्स लगवा लिया है इसलिए डाक विभाग की अब कोई जरूरत नहीं रह गई।
4 Comments:
हाहाहा...
शायद उस ग़रीब लिखने वाले का मंतव्य होगा - डायल अप मॉडम युक्त इंटरनेट!
नहीं रवी जी, ख़बर से तो लग रहा है कि ये महाशय वाकई ब्रौडबैंड को इंटरनेट से अलग कोई बढ़िया चीज़ मान रहे हैं।
हे प्रभु इन्हें क्षमा करना.....
आज (12.04.2006) दैनिक भास्कर में http://www.bhaskar.com/defaults/ editorial_newshindi2.php न्यूज ट्रेक में प्रशांत दीक्षित जी जो कि पूर्व एअर कमोडोर हैं का आलेख पढ़ा, गूगल की तस्वीरों से सुरक्षा को कितना खतरा ? आलेख अच्छा लिखने का प्रयत्न किया गया है किंतु इसमें सबसे बड़ी भूल शुरुआत में ही की गई है कि गूगल को माइक्रोसाफ्ट का सर्च इंजन बताया गया है भैया गलती सुधार लो नहीं तो गूगल वाले भैया मिसाईल छोड़ देंगे
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