मुद्दों के भी दलाल होते हैं?
जिन्हें हिंदी भाषा या टाइपिंग नहीं आती ऐसे लोग जब हिंदी लिखने की कोशिश करते हैं तो ऐसी दुर्घटनाएं हो जाया करती हैं। एक वेबसाइट पर सर्फिंग करते समय मैंने यह विज्ञापन देखा- दलाल विदेशी मुद्ओं के। एक क्षण के लिए मुझे लगा कि किसी क्रांतिकारी किस्म के व्यक्ति ने 'विदेशी मुद्दों के दलाल' के रूप में कोई जबरदस्त पोलीटिकल स्टेटमेंट दिया है। लेकिन हकीकत कुछ और थी। विज्ञापन विदेशी मुद्रा के कारोबार से जुड़ी कंपनी का था और मुद्राओं की बजाए मुद्ओं टाइप कर दुनिया भर में पब्लिसिटी के लिए जारी कर दिया गया था। आप भी देखें-

2 Comments:
हिन्दी टाइपिंग के प्रति गंभीर न रहने से ऐसी गल्ती हो सकती है .. मैं यूनिकोड कीबोर्ड पर बडी उ और चंद्रविन्दु नहीं ढूंढ पायी हूं .. और अभी तक इन दोनो शब्दों के लिए उ और अनुस्वार का प्रयोग करती हूं .. कभी इसके कारण किसी शब्द का अर्थ का अनर्थ भी निकल सकता है .. जल्द ही ढूंढती हूं .. वैसे इसके अलावा हिन्दी टाइपिंग में और गलतियां तो नहीं करती !!
बहुत पैनी निगाह रखते हैं.
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