सबसे आगे रहने वाला अखबार
पिछले दिनों मेरठ में हुए भीषण अग्निकांड में कई दर्जन लोग मारे गए। ज्यादातर अखबारों के मुताबिक मरने वालों की संख्या 50 के आसपास थी। बहरहाल, पंजाब केसरी ने क्या खबर दी, आप खुद ही पढ़ लीजिए... सही तथ्यों का पता लगाने की जिम्मेदारी? वो किस चिड़िया का नाम है? क्या मीडिया द्वारा प्रदत्त सूचनाओं में निहित लाखों पाठकों की आस्था की कोई कीमत नहीं?
4 Comments:
कुछ अखबारों की आदत होती है वहियात खबर छाप कर या सनसनी फ़ैला कर अपना अखबार बेचना, इस काम में गुजरात के एक दो प्रमुख अखबार भी बखूबी अपना योगदान देते रहते हैं
सचमुच अति कर दी | सौ प्रतिशत तक की गलती तो समझ में आती है, लेकिन ये तो २०-गेन वाला एरर-एम्प्लिफायर लगाया लगता है |
एक बार शिव और पार्वति घूम रहे तो फट फट की आवाज आई, पार्वति ने पूछा प्रभू यह कैसी आवाज है, प्रभू बोले कोई धरती पर झूठ बोल रहा है, आगे चलने पर बहुत तेजी से फट फट की आवाज आई इसस बार प्रभू बोले यह पंजाब केसरी छप रहा है।
ये पंजाब केसरी हमेशा ही सनसनी फैलाता रहता है. लोग ना जाने क्यो पढते है. वैसे लोगों को भी मजा आता है, तभी तो!!!
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