Monday, January 21, 2008

उन्हें पहले से पता है हिंसा कब तक चलेगी

समाचार एजेंसी भाषा ने खबर दी है कि केन्या में कई सप्ताह से जारी हिंसा का आज अंतिम दिन है। जैसे हिंसा नहीं कोई पूर्व निर्धारित आयोजन हो। लोहा मानना पड़ेगा अपने पत्रकार साथियों का जो वास्तव में 'भविष्यदृष्टा' बन गए हैं।

9 Comments:

At 4:25 PM, Blogger Sanjeet Tripathi said...

वाकई!!
धन्य हैं वें।

 
At 5:16 PM, Blogger काकेश said...

सही है.

 
At 6:27 PM, Blogger संजय बेंगाणी said...

पत्रकार अपने कर्णधार ही नहीं भगवान भी समझने लगे है. :)

 
At 6:28 PM, Blogger Prabhakar Pandey said...

सही फरमाया है। भाईसाहब बर जगह पिसा जा रहा है आम आदमी ही।

 
At 8:25 PM, Blogger Tarun said...

बालेंदु आप सही कह रहे हैं किसी खबर को टाइटिल देने के मामले में ये धन्य हैं

 
At 8:37 PM, Blogger Sanjay Tiwari said...

क्या-क्या खोज लाते हैं आप.

 
At 8:57 PM, Blogger दीपक भारतदीप said...

आपने बहुत अच्छी जानकारी रखी पर मुझे लगता है इतना काफी नहीं था, बेहतर होता आप कुछ रोशनी उठाते हुए प्रश्न उठाते जैसे में कहता हूँ कि आजकल कई बडे काम तो खबरें बनाने के लिए किये जाते हैं और मैं तो अपने ब्लोग पर कई व्यंजना विधा में कहता हूँ. इस खबर को दिखाकर आप लोगों की आँखें खोल सकते हैं पर उनकी बुद्धि को भी कुछ सोचने के लिए देते तो बेहतर होता. ऐसी कटिंग तभी प्रभाव छोड़ती है जब उनके साथ अपने विचार हो.
दीपक भारतदीप

 
At 10:25 PM, Blogger ghughutibasuti said...

यह तो कुछ ऐसी खबर है .. 'आज गरबे का आखिरी दिन है ।' (जितना नाचना हो नाच लो !) या 'आज जूतों की सेल का आखिरी दिन है ।'
घुघूती बासूती

 
At 6:18 PM, Blogger Siddharth Kumar said...

"Nazar Har Khabar Par" wah Balendu Sir.
Paini Nazar Rakhte Hain Sir

 

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