लाजवाब है पंजाब केसरी की अभिव्यक्ति
सिडनी टेस्ट में भारतीय क्रिकेट टीम के साथ जैसा सलूक हुआ उस पर सारे अंग्रेजी-हिंदी अखबारों में खूब रोष जाहिर हुआ है। विभिन्न हिंदी अखबारों ने भारत की हार और हरभजन सिंह पर प्रतिबंध लगाने संबंधी खबर के निम्न शीर्षक दिए है-
- आस्ट्रेलिया में क्रिकेट कलंकित (जागरण)
- सिडनी टेस्ट ने किया सैड (हिन्दुस्तान)
- क्रिकेट का काला दिन (सहारा)
- सिडनी मे बेईमानी (नवभारत टाइम्स)
- अंपायरों के आगे क्रिकेट हारा (भास्कर)
- बेईमान बकनर, बेशर्म कंगारू (राजस्थान पत्रिका)
- Umpires beat India, ICC bans Bhajji (Hindustan Times)
- Umpires give OZ 2-0 lead (Times of India)
- Team India Cought Benson Bold Bucknor (Indian Express)
- Umpires defeat India (Asian Age)
मगर अपने पंजाब केसरी की अभिव्यक्ति की बात ही कुछ और है। आप खुद ही पढ़ लें-
4 Comments:
हँसे या सर पीटें?
शर्मनाक करतूतों का खुला नजारा है
क्रिकेट का बलात्कार ही कर डाला है
पंजाब केसरी का शीर्षक सच लगा है
सबूत बिना क्यों फैसला कैसी रजा है
बकनर के नाम में ही राज छिपा है
नर जो बक रहा बना नहीं बकरा है
भज्जी को कर दिया देखो हलाल है
क्रिकेट के प्रेमियों को रहा मलाल है
बेनसन बेईमान है सिडनी बना पहलवान है
निन्दा कर रहे सब बेईमान की खुलेआम हैं
घड़ा पापी का फूटना तो भारत की जीत है
दिलों में जीत है मन में सबके बढ़ी प्रीत है
इससे पता चलता है कि पंजाब केसरी समाचार पत्र की मानसिकता क्या है
to Panjaab kesri Journalism me aise teer maar rha hi. Balendu ji kabhi Panjab kesri me publish Classified pr bhi gour farmaiyega. khastor pr jadu tone wale add pr
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