बहुत बड़ा काम करना चाहते हैं मणिशंकर अय्यर
भई वाह, मान गए मणिशंकर अय्यर को और भाषा समाचार एजेंसी को। बकौल भाषा, श्री अय्यर ने कहा है कि अब समय आ गया है जब आई. टी. और सूचना प्रौद्योगिकी को आपस में जोड़ा जाए। पता नहीं यह ज्ञानवर्धक विचार खुद श्री अय्यर के हैं या भाषा के मूर्धन्य पत्रकार महोदय द्वारा की गई व्याख्या है, मगर है जोरदार। हमें तो पहली बार पता चला कि आई.टी. और सूचना प्रौद्योगिकी अलग-अलग हैं और उन्हें जोड़ने के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत पड़ेगी।
6 Comments:
बालेन्दु जी, लगता है कि आप चिट्ठाकारी में नियमित आ गये हैं!! क्या यह सच है??
-- शास्त्री जे सी फिलिप
-- हिन्दी चिट्ठाकारी के विकास के लिये जरूरी है कि हम सब अपनी टिप्पणियों से एक दूसरे को प्रोत्साहित करें
लाजवाब!
अय्यरजी को शुभकामनाएं, वे सफल हो.
हे भारत भाग्य विधाता....अब नहीं सहा जाता. ये कैसे मंत्री है प्रभू!
बालेंदु जी, लगता है, यह मंत्री की नहीं, संवाददाता की नासमझी है।
रा.
धन्यवाद शास्त्रीजी, कोशिश तो यही है। राजकिशोरजी, आपकी धारणा सही लगती है।
naheen naheen mantreeyon ka original chintan hai!unke gyan aur karya pranalee ko sabhee janate hain.
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