यह किस किस्म की 'अमेरिकी दादागिरी' है?
एनडीटीवी खबर की वेबसाइट पर लगा यह चित्र देखिए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी और डॉ. कर्ण सिंह किसी कार्यक्रम में साथ-साथ बैठे हैं। प्रधानमंत्री और प्रणव मुखर्जी आपस में बात कर रहे हैं। उनके चेहरों से किसी किस्म की उलझन, आशंका या निराशा प्रकट हो रही हो, ऐसा कम से कम हमें तो नहीं दिखता। लेकिन वेबसाइट ने कैप्शन लगाया है- अमेरिकी दादागिरी का असर। पाठकगण, आप ही बताएं ये किस दादागिरी की बात हो रही है और उसका कौनसा असर इस फोटो में दिखाई दे रहा है?
5 Comments:
सोनियाजी की चुप्पी? शायद :)
हमें तो लग रहा है कि ये लोग शास्त्रीय संगीत समारोह में गायन सुन रहे हैं. कर्ण सिंह जी एन्जॉय कर रहे हैं. सोनिया जी समझने की कोशिश कर रही हैं. प्रधानमंत्री को भी समझ में नहीं आया तो प्रणब दा उन्हें राग 'मियां की तोड़ी' के बारे में समझा रहे हैं......:-)
क्या कहा आपने? राग दरबारी के बारे में बता रहे हैं? हो सकता है, ऐसा ही हो....:-). राग दरबारी के बारे में उनकी समझ प्रधानमंत्री से बड़ी है.
बालेन्दु जी,
शानदार लगा ये, सच में मीडिया की लापरवाही सिनेमा में उपजी उत्तेजना से ज्यादा नही रह गयी है,
कैप्शन तो कम्बख्त कुछ भी लगा देते हैं। कल गली का एक कुत्ता भी मरेगा तो लिख देंगे - माननीय मोती जी का निधन, शोक मनाने हेतु गणमान्य लोगों का आगमन :)
फोटो का चयन और कैप्शन में अब मनमानी ही दिखती है। दस साल पुराने फोटो भी ताजा फोटो की तरह उपयोग किए जा रहे हैं। जयपुर में कोहरा, जयपुर का फोटो और लगा देंगे कि भोपाल में आज कोहरा खूब छाया हुआ है। किसे बेवकूफ बना रहे हैं मीडिया वाले।
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