अपनी ही पीठ ठोंकता टाइम्स ऑफ इंडिया
छोटे अखबारों को तो बार-बार ऐसा करते देखा है लेकिन जब टाइम्स ऑफ इंडिया जैसा विश्व का सर्वाधिक पाठकों से युक्त अंग्रेजी अखबार भी छोटी सी बात पर अपनी पीठ ठोंकने लगे तो अफसोस होता है। अंग्रेजी के नंबर वन अखबार ने चार जून को मुखपृष्ठ पर बॉक्स बनाकर खबर छापी है कि हमने जो कहा था कि प्रमोद महाजन के पुत्र राहुल महाजन और सचिव विवेक मोइत्रा ने हेरोइन का सेवन किया था वही सही है। अखबार ने लिखा है, हमने कहा कि हेरोइन है, उन सबने (प्रतिद्वंद्वी अखबारों ने)कहा- कोकीन है। शनिवार की सुबह उन सबने हमारी खिल्ली उड़ाई। लेकिन हमने शाम तक इंतजार किया, हंसे और कहा कि वे सब के सब गलत हैं। सभी दूसरे अखबार, सभी चैनल। टाइम्स ऑफ इंडिया को छोड़कर सब। टाइम्स ऑफ इंडिया अकेला अखबार है जिसने पहले ही दिन कह दिया था कि महाजन-मोइत्रा ने हेरोइन ली थी (कोकीन नहीं)।
कितनी बड़ी विडम्बना है! क्या यह सचमुच इतनी बड़ी बात है कि इसके लिए टाइम्स को अपने मुखपृष्ठ पर बॉक्स बनाकर खबर छापनी चाहिए कि "कोकीन नहीं हेरोइन थी। वही जो हमने कहा था।" मुद्दा नशे की वैराइटी का नहीं है। मुद्दा यह है कि क्या राहुल और मोइत्रा ने ड्रग्स लिए थे? यदि हां, यही जानकारी पर्याप्त है। हेरोइन लें या कोकीन, तथ्यों में कोई बहुत बड़ा फर्क नहीं आने वाला और न ही इससे जांच में कोई नया मोड़ आएगा। अपने समझ में तो नहीं आया कि क्या इसके लिए यूं जोर-शोर से पीठ थपथपाने की जरूरत है?
4 Comments:
भाई, सब कुछ तो ठीक है पहले आप ये बताऐ किया आप भी टाइम्स ऑफ इंडिया को अखबार मानते हैं?
बालेन्दू भाई,टाइम्स आफ इन्डिया मे अब खबरें कम और शगूफ़े ज्यादा होते है।और इन्डियाटाइम्स का तो कहना ही क्या।खैर
सर जी ये बताए, 10 से 15 जुलाई क्या कर रहे हैं।
इसे पढे और अपनी प्रतिक्रिया दें।
http://akshargram.com/paricharcha/viewtopic.php?pid=1676#p1676
टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए जो शब्द हम आपसी बातचीत में प्रयोग में लाते हैं वह यहाँ लिखा नहीं जा सकता.
कुल जमा एक क्षुद्र अखबार हैं, इसके बारे में कुछ भी लिखना बेकार हैं. जो अपना सम्पादकिय पृष्ट ही बेच दे उस अखबार को क्या कहें.
मत पढ़ा करो जनाब. मुर्खेषु विवादम् न कर्तव्यम्. उन्हें ब्रह्मा भी संतुष्ठ नहीं करते जो होता थोथा है और बजता घना है. अनुरोध है कि आज ही टाइम्स ऑफ़ इंडिया बंद करें और इंडियन एक्सप्रेस पढ़ना शुरू करें. बालेंदु जी. वैसे मीडिया पर आप अपनी पैनी नज़रे जमाए रखें. कभी अक्षरग्राम के परिचर्चा फ़ोरम पर भी तशरीफ़ ले आएं.
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