Tuesday, June 13, 2006

फोटो कैप्शन से झलकती अश्लील मानसिकता

एक राष्ट्रीय अखबार में एक फिल्मी पार्टी की तसवीर छपी है और साथ में छपा है उसका फोटो कैप्शन (परिचय)। लिखने वाले ने जिस तरह रस ले-लेकर अश्लील कल्पना के आधार पर इसे तैयार किया है वह उसकी मानसिकता का परिचायक है। लगता है आजकल के अखबार अपराध पत्रिकाओं से होड़ लेने के बाद अब पोर्नोग्राफिक पत्रिकाओं को भी पीछे छोड़ने पर आमादा हैं। जरा देखिए, रचनात्मकता के नाम पर भाई लोग किस हद तक लिबर्टी ले लेते हैं। (साफ पढ़ने के लिए फोटो पर क्लिक करें)।

4 Comments:

At 8:01 PM, Blogger अनूप शुक्ल said...

विडम्बना है कि पूरा मीडिया इसी सस्ती भाषा,कल्पना में जुटा है।

 
At 4:00 PM, Blogger पंकज बेंगाणी said...

और इन कलाकारों को भी इससे कोई फर्क नही पडता. नही तो इस तरह के समाचार कैसे छापे जा सकते हैं? हमाम मे सब नंगे हैं

 
At 11:40 PM, Blogger नीरज दीवान said...

स्टार डस्ट, फ़िल्मी कलियां जैसी पत्रिकाओं की शैली ही अब अख़बार में अपनाई जाने लगी हैं. वो दिन दूर नहीं टीवी पर भी यह असर होगा. हालांकि अब तक तो गॉसिप ने ख़बरिया न्यूज़ चैनलों में जगह बना ली है.

 
At 1:24 AM, Blogger Mitul said...

घृणित कैप्शन!!!

 

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