पहचान कौन?
अखबार में फोटो छापने की जगह खाली है और ढंग का कोई फोटो मौजूद नहीं है। ऐसे में जो फोटो मिल जाए, चलेगा। वह कहां का फोटो है, उसे किसलिए खींचा गया और फोटो में मौजूद लोग कौन हैं, इस बात की जानकारी न हो तो भी एक अच्छा खासा काल्पनिक विवरण लिखकर फोटो छापा जा सकता है। जैसे कि इस फोटो में किया गया। पत्रकार महोदय को पता नहीं कि ये कौन लोग हैं। उन्होंने बड़ी सफाई से इन्हें पहचानने का जिम्मा आप (पाठक) पर ही छोड़ दिया है, यह कहते हुए कि (हम भले न जानें) आप तो इन्हें जानते ही होंगे! भला सारी मेहनत पत्रकार ही क्यों करे, पाठकों को भी तो अपने दिमाग पर जोर डालने का मौका मिलना चाहिए?
1 Comments:
हितेंद्र भाई,
ब्लॉगर में वाकई कुछ सीमाएं हैं। मैं अपना ब्लॉग जल्दी ही यहां से स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में हूं।
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