हिंदी साहित्य सभा की हिंदी, भई मान गए!
हिंदी साहित्य सभा और हिंदी हिंदुस्तान मिलकर स्पंदन-2006 नामक आयोजन कर रहे हैं। हिंदुस्तान में इस बारे में लंबा-चौड़ा विज्ञापन भी छपा है। जरा इस आयोजन की प्रतियोगिता-श्रेणियों पर नजर डालिए। डंब शेराड्स, एक्ट एंड रिएक्ट, मिमिक्री कॉम्पिटीशन वगैरह वगैरह...यकीन नहीं होता कि यह किसी हिंदीसेवी संस्था का आयोजन है जिसे हिंदी के नामी अखबार के साथ मिलकर आयोजित किया जा रहा है। हिंदी साहित्य सभा के विज्ञापन में देवनागरी जरूर है मगर हिंदी की हालत तो दयनीय है! चलिए हिंदी की दुर्दशा तो होती ही रहती है, कम से कम अंग्रेजी शब्दों को तो (देवनागरी में ही सही) शुद्धता से लिख लिया होता!
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