जो चले गए उन्हें भूल गए, जो आए उनको याद रखा
समाजवादी पार्टी के नेता अमर सिंह के पिताजी का देहांत हो गया है। नवभारत टाइम्स में उनकी अंत्येष्टि की खबर छपी है लेकिन खबर के शीर्षक और फोटोग्राफ से साफ हो जाता है कि मीडिया के लिए कौन महत्वपूर्ण है। जो चले गए और जिनकी वजह से विभिन्न हस्तियां अमर सिंह के घर पर पहुंची वे शायद मीडिया की नजर में उतने महत्वपूर्ण नहीं जितने कि संवेदना प्रकट करने आए बड़े-बड़े लोग। तभी तो शीर्षक से उनका जिक्र तक गायब है। भाई लोगो, कम से कम शीर्षक में यह तो लिख देते कि अंत्येष्टि किसकी हुई! यह दुखद खबर जिनके जाने से बनी और छपी, उन्हीं को भूल गए। कम से कम ऐसे मामले में तो सेलिब्रिटी-फोबिया छोड़ देना चाहिए था!
8 Comments:
यदि कुछ कहा तो मेरी नौकरी पर संकट आ सकता है, लेकिन बॉस मीडिया को बिकाऊ माल चाहिए जो कि अमिताभ हैं न कि अमर सिंह के पिता और अफसोस कि हम जैसे युवा कुछ करना चाहते हैं तो हमारे ऊपर वाले कहते हैं कि ज्यादा सिखाओ मत
अमर सिंह के पिता का नाम लोगो के लिये कोई सनसनी नही है ,सनसनी यही है कि एशवर्या और उस्का नया परिवार पधारे थे.यहा तक की जब तक अभिषेक बच्चन नही पधारे,अंति्म क्रिया रुकी रही ,
इसमें क्या बुरा है जीवंतता को प्रणाम किया है.
जिनके जाने से खबर बनी....
गलत, इन महानुभावो के आने से बनी, अतः इनकी फोटो छपनी ही थी.
मीडिया को बिकाऊ माल से ही मतलब होता है, अगर यहीं कोई और गुजर गया होता जिसके दोस्त कोई सेलिब्रिटी ना होते, तो कोई झांकने तक ना गया होता। इस अंत्येष्टि पर तो हर मीडिया हाउस ने दो दो संवाददाता तैनात कर रखे थे।
वो गाना नही सुना जो चला गया उसे भूल जा .... ।
वहीं यहां पर भी हुआ है।
media ka bajarikaran jis terah se ho reha hai woh khatarnak hai, India ka media kuch jyada hi sansani ki teraf ja reha hai...
फोटो पत्रकारिता छोड़ के किसी स्टूडियो को ज्वाइन कर लेना चाहिय क्यो कि प्रेस फोटोग्रफेर को न्यूज़ सेंस नही है साथ ही फोटो एडिटर को भी कोई नये काम की तलाश करनी चाहिय. उसने भी अपने धर्म का पालन नही किया. और ये फोटो छापी गए
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