राजनैतिक संकट में कबूतरों की क्या भूमिका है?
नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर आज उमा भारती के गुवाहाटी दौरे का चित्र छपा है जिसमें उन्हें कबूतरों को चुग्गा डालते दिखाया गया है। चित्र तो सामान्य सा है मगर कैप्शन का जवाब नहीं। लिखा है- देश में राजनैतिक तूफान आया हुआ है और उमा भारती गुवाहाटी में कबूतरों को दाना डाल रही हैं।
क्यों भाई, राजनैतिक संकट के दिनों में कबूतरों को दाना डालना गुनाह है क्या? बेचारे कबूतरों ने पत्रकारों या नेताओं का क्या बिगाड़ा है जो उनका दाना-पानी बंद करने की बात की जा रही है? कैप्शन में यह भी लिख दिया जाता कि राजनैतिक तूफान के दिनों में और क्या-क्या नहीं किया जाना चाहिए तो और मार्गदर्शन हो जाता।
2 Comments:
सही कह रहे हैं शर्मा जी, मैं चाहे ये करुं मैं चाहे वो करुं मेरी मर्जी...उमा भारती चाहे कबूतर को दाना डालें चाहे नेताओं को उनकी मर्जी..
:)
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