फोटो कैप्शन से झलकती अश्लील मानसिकता
एक राष्ट्रीय अखबार में एक फिल्मी पार्टी की तसवीर छपी है और साथ में छपा है उसका फोटो कैप्शन (परिचय)। लिखने वाले ने जिस तरह रस ले-लेकर अश्लील कल्पना के आधार पर इसे तैयार किया है वह उसकी मानसिकता का परिचायक है। लगता है आजकल के अखबार अपराध पत्रिकाओं से होड़ लेने के बाद अब पोर्नोग्राफिक पत्रिकाओं को भी पीछे छोड़ने पर आमादा हैं। जरा देखिए, रचनात्मकता के नाम पर भाई लोग किस हद तक लिबर्टी ले लेते हैं। (साफ पढ़ने के लिए फोटो पर क्लिक करें)।
