तो यह है आज की सबसे जोरदार खबर!
टेलीविजन चैनलों को ऐसा करते खूब देखा है लेकिन धीरे-धीरे अब अखबारों को भी 'असली खबर' की समझ आ गई है। राष्ट्रीय सहारा में छपी इस तसवीर को देखिए। उन्हें इसे छापने में कोई झिझक नहीं हुई (हालांकि मुझे हो रही है और इसीलिए फोटो का एक हिस्सा एडिट कर दिया है)। धन्य हैं ये महिला जिन्होंने बछड़े को मातृत्व सुख देने की ठानी और उसे मीडिया से प्रचारित करवाने का लोभ भी नहीं छोड़ सकीं। और धन्य हैं वे पत्रकार व फोटोग्राफर जिन्होंने इतनी महत्वपूर्ण खबर को अपने अखबार में अच्छा खासा स्पेस देकर उसके साथ 'न्याय' किया। मीडिया को ऐसी दमदार खबरें ढूंढते रहना चाहिए। कहीं कोई जरूरी खबर छूट न जाए।
