Saturday, December 03, 2011

खबर सही या तसवीर?

एक प्रमुख राष्ट्रीय हिंदी अखबार ने दिल्ली में हुए युवक कांग्रेस अधिवेशन की खबर छापी है। शीर्षक और खबर पढ़िए तो अधिवेशन की 'लचर सुरक्षा व्यवस्था' पर अफसोस होगा। लेकिन जरा फोटो और उसका कैप्शन तो देखिए! है कोई जवाब आपके पास?

Saturday, November 05, 2011

क्या आप कनीमोझी की 'पत्नी' से परिचित हैं?

जी हाँ, द्रमुक सांसद कनीमोझी तो खुद एक महिला हैं। लेकिन दिल्ली से प्रकाशित 'मेल टुडे' का आप क्या करेंगे जिसने बाकायदा उनकी 'पत्नी' की तसवीर छापी है! चार नवंबर को छपी इस फोटो का कैप्शन देखिए जिसमें कनीमोझी की जमानत अर्जी अदालत में नामंजूर होने के बाद उनकी 'पत्नी' की प्रतिक्रिया को दिखाया गया है। हमें तो यह कहीं से पत्नी नज़र नहीं आईं! ऊपर से तुर्रा यह कि कैप्शन में कनीमोझी की तथाकथित 'पत्नी' को CLUELESS (अनभिज्ञ) करार दिया गया है।

अब आप ही बताएँ, कौन CLUELESS है!

Tuesday, May 03, 2011

ओसामा की जगह ओबामा! बीबीसी ने यह क्या किया

बीबीसी की वेबसाइट ने देखिए टाइपिंग (?) की कितनी भयानक गलती की है। ओसामा बिन लादेन के मारे जाने की खबर को टिकर में क्या से क्या लिख दिया गया है।

Monday, April 25, 2011

फोटो छापने का नया स्टाइल?

एमएसएन वेबसाइट पर द्रमुक से संबंधित खबर में पार्टी सांसद कानीमोझी का फोटो देखिए। इस किस्म का फोटो कभी आपने कहीं छपा हुआ नहीं देखा होगा। पसंद आया?

Thursday, June 10, 2010

रैंकिंग नंबर 3900

कैट, आईआईटी जेईई और सीबीएसई बोर्ड आदि में शीर्ष पर आने वाले छात्रों की तसवीरें अखबारों में खूब छपती हैं। पहली, दूसरी यहां तक कि दसवीं रैंकिंग तक लाने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों के चित्र और समाचार छपना बहुत आम है, और ऐसी प्रेरणादायक खबरें छपनी भी चाहिए। लेकिन अगर कोई अखबार 900 वीं रैंकिंग लाने वाले छात्र का चित्र छापे तो शायद आपको अटपटा लगेगा। मगर जरा ठहरिये... अगर 3900 वीं रैंकिंग लाने पर कोई राष्ट्रीय अखबार दो कॉलम का चित्र प्रकाशित करे तो उसे क्या कहेंगे? नवभारत टाइम्स ने यही किया है।

छात्र की मेहनत और उपलब्धि का अपना महत्व है। वह इसके लिए बधाई का पात्र है। लेकिन क्या एक राष्ट्रीय अखबार में फोटो छपने के लिए यह इतनी महत्वपूर्ण रैंकिंग है? यदि हां, तो इससे पहले के 3899 छात्रों ने क्या बिगाड़ा है, उनके चित्र क्यों न छपें?

Friday, May 07, 2010

प्रियभांशु के अंतिम संस्कार की खबर दे रहा मीडिया !!!

ये मीडिया भी क्या कमाल करता है। अब देखिए ना! हंगामा मचा हुआ है निरूपमा की मौत का और अब तो कोडरमा की अदालत ने पुलिस को प्रियभांशु के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज करने का आदेश भी दे दिया है लेकिन इसका यह मतलब तो नहीं कि प्रियभांशु के अंतिम संस्कार की खबर दे दी जाए!

आप खुद ही देख लें। विश्वास न हो तो यह लिंक देख लें
http://www.khaskhabar.com/court-asks-police-to-lodge-fir-against-nirupama-boyfriend-05201007575905535.html


अब बताईए आपका क्या कहना है?

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Monday, April 12, 2010

मीडिया जिससे न करा दे शोएब की शादी

जरा शीर्षक देखिए- मीडिया पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक की शादी किससे करवा रहा है? बड़ी संवेदनशील किस्म की गलती है भैया, जरा संभल के।

Tuesday, March 30, 2010

सानिया मिर्ज़ा पहले सोहराब मोदी से विवाह करने वाली थी !!!!

आज अचानक ही नज़र पडी इस खबर पर, तो एकाएक हँसी छूट गई. खबर में लिखा हुआ है कि सानिया मिर्ज़ा ... सोहराब मोदी से सगाई टूटने को लेकर मीडिया में छाईं रहीं. सोहराब मोदी!! 19वीं सदी में जन्म लेने वाले फ़िल्म अभिनेता!? जबकि वास्तविकता में सगाई टूटी थी हैदराबाद के एक बेकरी श्रृंखला वाले सोहराब मिर्ज़ा से

आप स्वयम देख लीजिए नीचे दिए गए चित्र पर क्लिक कर



या फिर देख लीजिए यह लिंक

http://www.bhaskar.com/2010/03/30/shaib-happy-while-many-hearts-break.html

Monday, January 25, 2010

खबर पर एम्बार्गो, सिर्फ दूसरों के लिए

पीटीआई ने राष्ट्रपति की ओर से 25 जनवरी की शाम को दिए जाने वाले संदेश की खबर दी है (समाचार माध्यमों को संदेश की प्रति अग्रिम उपलब्ध करा दी जाती है)। खबर के साथ समाचार पत्रों को एम्बार्गो संबंधी निर्देश है कि इसे शाम सात बजे से पहले प्रसारित न करें। अलबत्ता, पीटीआई ने यही खबर खुद अपनी वेबसाइट पर साढ़े चार बजे ही चस्पा कर दी है। ध्यान रहे, यह स्क्रीनशॉट पीटीआई की न्यूज सबस्क्रिप्शन सर्विस का नहीं है। यह उनके समाचार पोर्टल का है, जो आम पाठकों के लिए उपलब्ध कराया गया है।

Monday, January 18, 2010

बाथरूम में फिसलकर मारा गया फिजी!

जी हां, पूरे के पूरे देश भी बाथरूम में फिसल जाया करते हैं। याहू के भारतीय संस्करण की यह खबर देखिए। वैसे फिजी लोकतंत्र के रास्ते पर तो बार-बार फिसलता ही रहता है, याहू बताता है कि अबकी बार वह बाथरूम में फिसल गया। अधिक दुखद यह है कि बेचारे का निधन भी हो गया- हमारे अपने बहराइच में। आप भी पढ़ें कि फिजी के साथ क्या हुआ।

Saturday, January 16, 2010

इन्हें याहू ने प्रतिभा पाटिल समझा

याहू! की वेबसाइट एक बार पहले भी राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को पहचानने में गलती कर चुकी है। लीजिए फिर संभालिए। देखिए इस बार उसने किन्हें प्रतिभा पाटिल समझ लिया है। याहू के मित्र शायद अब तक समझ नहीं पाए हैं कि साड़ी पहनने वाली हर महिला नेता प्रतिभा पाटिल नहीं होतीं।

Thursday, December 24, 2009

विधायक लोकसभा से इस्तीफा कैसे देंगे?

चौबीस दिसंबर के टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर का शीर्षक कहता है कि चंद्रशेखर राव और उनकी पार्टी के दस विधायकों ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया है। भला विधायक इतना बड़ा कारनामा कैसे कर सकते हैं? उनकी दौड़ तो विधानसभा पर ही समाप्त हो जाती है!

Tuesday, October 27, 2009

चित्र कुछ, शीर्षक कुछ, खबर कुछ!

एक जानी मानी हिंदी वेबसाइट की यह खबर देखिए। चित्र गृह मंत्री पी चिदंबरम से संबंधित है, शीर्षक झारखंड के चुनाव से जुड़ा है और खबर वसुंधरा राजे के बारे में।

Friday, October 16, 2009

ये पहली महिला राज्यपाल नहीं

दिल्ली से प्रकाशित एक शीर्ष अंग्रेजी अखबार ने त्रिपुरा की नवनियुक्त राज्यपाल श्रीमती कमला को देश की पहली महिला राज्यपाल बताया है। वह भूल गया कि खुद राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल इस पद पर आने से पहले राजस्थान की राज्यपाल थीं। आज भी प्रभा राव और मार्गरेट अल्वा राज्यपाल हैं। पहली महिला राज्यपाल तो सरोजिनी नायडू (उत्तर प्रदेश) थीं।

Saturday, September 05, 2009

दस दिन और दस साल में तो बहुत अंतर है

बीबीसी की हिंदी साइट पर प्रकाशित यह खबर देखिए। खबर दिल्ली में पिछले दिनों हुए एक दस दिन के बच्चे के हृदय की सर्जरी के बारे में है। बीबीसी पर पहले पैरा में दस साल लिख दिया गया है जबकि आगे जाकर दस दिन लिखा है। त्रुटि छोटी सी है लेकिन प्रभाव बड़ा है। इसे सागर चंद नाहर ने पकड़ा और भेजा है।

Wednesday, September 02, 2009

मुद्दों के भी दलाल होते हैं?

जिन्हें हिंदी भाषा या टाइपिंग नहीं आती ऐसे लोग जब हिंदी लिखने की कोशिश करते हैं तो ऐसी दुर्घटनाएं हो जाया करती हैं। एक वेबसाइट पर सर्फिंग करते समय मैंने यह विज्ञापन देखा- दलाल विदेशी मुद्ओं के। एक क्षण के लिए मुझे लगा कि किसी क्रांतिकारी किस्म के व्यक्ति ने 'विदेशी मुद्दों के दलाल' के रूप में कोई जबरदस्त पोलीटिकल स्टेटमेंट दिया है। लेकिन हकीकत कुछ और थी। विज्ञापन विदेशी मुद्रा के कारोबार से जुड़ी कंपनी का था और मुद्राओं की बजाए मुद्ओं टाइप कर दुनिया भर में पब्लिसिटी के लिए जारी कर दिया गया था। आप भी देखें-

Wednesday, August 19, 2009

न जाने कौनसा चश्मा लगाते हैं 'डॉन' वाले

प्रसिद्ध पाकिस्तानी अखबार 'द डॉन' में छपे इस फोटो का कैप्शन (विवरण) देखिए। अच्छी भली बूढ़ी दादी उन्हें 'पुरुष' दिख दे रही है। न जाने कौनसे चश्मे से देखते हैं हमारे पाकिस्तानी दोस्त।

Monday, August 17, 2009

'जवानों' का ठसका तो देखिए!

भाषा ने मुंबई हमले के अभियुक्त अजमल आमिर कसाब पर मुकदमे की सुनवाई के दौरान अदालत के बाहर की गई जबरदस्त सुरक्षा व्यवस्था की खबर दी है और वहां तैनात 'जवानों' का फोटो भी लगाया है। पता नहीं, ऐसे सुरक्षा बल किस प्रदेश में होते हैं।

Monday, August 10, 2009

हासिल आडवाणी की चुनाव सभा का

बात चुनाव के दिनों की है। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी के अनेक नेताओं के साथ एक चुनाव सभा की। मगर अखबार में उनकी फोटो के साथ क्या छपा, आप खुद पढ़ लीजिए। बस नाम बदल गए हैं, बाकी विवरण ठीक है।

Friday, July 17, 2009

यह तो न मनमोहन हैं और न आडवाणी

एनडीटीवी की वेबसाइट खूबसूरत लगती है। मगर यह क्या? यह पाकिस्तान के साथ समग्र वार्ता के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के लोकसभा में दिए बयान और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के आरोप की खबर है। मगर देखिए चित्र किसका लगा है। महज एक घटना से लोगों के मन-मस्तिष्क पर कुछ ज्यादा ही छा गई हैं रीता बहुगुणा जोशी।