इस बहाने स्व. मुकेश को ही याद कर लेते
जोश-18 के मुखपृष्ठ पर खबर छपी है- नील मुकेश की दादी का निधन। फोटो दादी का नहीं बल्कि नील मुकेश का लगा है। यहां कई सवाल एक साथ उभरते हैं। पहली बात तो यह कि क्या नील मुकेश की दादी पाठकों के लिए इतनी महत्वपूर्ण हैं, जब खुद नील मुकेश ही महत्वपूर्ण नहीं हैं? दूसरे, लेखक ने इस खबर को फिल्म सेक्शन की लीड बनाने को जस्टीफाई करने के लिए साथ में लिख दिया है कि नील को अपनी दादी से बेहद लगाव था। यानी इस आधार पर यह पहले पेज की प्रमुख खबर हो गई। क्या आप इससे सहमत हैं?
अब तीसरी बात। नील मुकेश की दादी सरल के साथ शायद ज्यादा न्याय होता यदि जोश ने यह लिखा होता कि गायक नितिन मुकेश की मां का निधन या फिर अमर गायक स्व. मुकेश की पत्नी का निधन। अब या तो उन्हें इसका पता नहीं, या फिर वे नील मुकेश को स्व. मुकेश से ज्यादा महत्वपूर्ण मानते हैं। अगर स्व. मुकेश का जिक्र किया होता तो खबर को जस्टीफाई करने की जरूरत ही कहां थी।
